“ऐसे विचारों को ध्यान में रखकर उसके प्रत्युत्तर में, उनके पास जितने संसाधन हैं, बहाई सहयोग के क्षेत्र में उतरते हैं, बढ़ती हुई संख्या में विभिन्न आंदोलनों, संगठनों, समूहों और व्यक्तियों के साथ वे साझेदारी करते हैं, जिनका उद्देश्य समाज को बदलने और एकता की भावना को बढ़ावा देने, मानव-कल्याण को प्रोत्साहित करने और विश्व एकता में योगदान देने का होता है।”

— विश्व न्याय मंदिर

बहाउल्लाह ने अपने अनुयायियों को सलाह दी है, “तुम जिस काल में रहते हो उसकी आवश्यकताओं के प्रति उत्सुकतापूर्वक विचार करो और अपने विचार-विमर्श को इसकी अपेक्षाओं तथा आवश्यकताओं के प्रति केन्द्रित करो।

इसी प्रकार पूरी दुनिया में बहाई, व्यक्तिगत तथा सामूहिक रूप से, समाज के जीवन में सम्मिलित होने की कोशिश करते हैं और विभिन्न समूहों के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर भौतिक तथा आध्यात्मिक सभ्यता के विकास में अपना योगदान देते हैं।

यहाँ उद्यमों के दो परस्पर पूरक क्षेत्रों की छान-बीन की गई है। सामाजिक कार्य उन गतिविधियों को प्रतिबिम्बित करते हैं, जो अक्सर तृणमूल स्तर पर की जाती हैं, जिनका उद्देश्य वृहद् समुदाय का भौतिक और सामाजिक कल्याण होता है। इससे करीब से जुड़े होते हैं बहाईयों के वे प्रयास जो वैचारिक स्तर पर समाज के सम्वादों में भागीदारी के माध्यम से होते हैं। बहाई समुदाय के व्यक्तिगत सदस्यों के द्वारा विभिन्न सामाजिक अवसरों पर बहाई शिक्षाओं से प्रेरित विचार बाँटें जाते हैं । राष्ट्रीय आध्यात्मिक सभायें सामाजिक प्रगति के विभिन्न पहलुओं पर केन्द्रित चर्चाओं में बहाई प्रयासों के योगदान का समायोजन करती हैं, जबकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बहाई अंतर्राष्ट्रीय समुदाय स्त्री-पुरूष की समानता और स्थायी विकास जैसे विषयों पर आयोजित सभाओं में अपनी उपस्थिति दर्ज़ करता है।

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