शोगी एफेंदी द्वारा सन् 1952 में तैयार किया गया नक्शा जिसमें बहाई धर्म के विश्वव्यापी विकास को दर्शाया गया है।

शोगी एफेंदी — बहाई धर्म के संरक्षक

यह आश्वस्त होने के लिये कि ‘उनका प्रकटीकरण’ एक संगठित विश्व के निर्माण के अपने उद्देश्य को प्राप्त कर लेगा - और बहाई समुदाय की एकता को सुरक्षित रखने के लिये - बहाउल्लाह ने अपने ज्येष्ठ पुत्र अब्दुल-बहा को ‘अपनी’ ‘संविदा’ का ‘केन्द्र’ नियुक्त किया था और विश्व न्याय मंदिर की स्थापना का आदेश दिया था। क्रमशः, अब्दुल-बहा ने विश्व न्याय मंदिर के संचालन के सिद्धांतों की स्थापना की और कहा कि ‘उनकी’ मृत्यु के बाद बहाई अवश्य ही उनके ज्येष्ठ नातीं शोगी एफेंदी की ओर उन्मुख हों, जिन्हें ‘उन्होंने’ बहाई धर्म के ‘संरक्षक’ का नाम दिया।

अब्दुल-बहा (बायीं ओर) ‘अपने’ ज्येष्ठ नाती, शोगी एफेंदी के साथ

विश्व न्याय मंदिर और धर्मसंरक्षक - दोनों को सिद्धांतों को लागू करने, विधानों को जारी करने, संस्थाओं को सुरक्षा प्रदान करने और निरन्तर विकास कर रहे समाज की ज़रूरतों के अनुसार बहाई धर्म को अनुकूल करने का दायित्व दिया गया।

36 सालों तक असाधारण दूरदर्शिता, विवेक और समर्पण के साथ शोगी एफेंदी ने प्रणालीबद्ध तरीके से विकास को पोषित किया, लोगों की समझ को गहनता प्रदान की और बहाई समुदाय की एकता को मजबूत किया, जिसने धीरे-धीरे सम्पूर्ण मानवजाति की विविधता को प्रतिबिम्बित किया।

शोगी एफेंदी की देख-रेख में बहाउल्लाह द्वारा तैयार की गई समुदाय के प्रशासनिक मामलों की अनूठी प्रणाली पूरी दुनिया में तेजी से विकास कर सकी। उन्होंने बहाई धर्मग्रंथों का अंग्रेजी में अनुवाद किया, ‘पवित्र भूमि’ में प्रभुधर्म के आध्यात्मिक और प्रशासनिक केन्द्र का विकास किया और हज़ारों पत्र लिखे, जिनमें सभ्यता के आध्यात्मिक आयाम की गहरी अन्तर्दृष्टि दी और सामाजिक परिवर्तन की गत्यात्मकता का ज्ञान कराया, जिसने जिस ओर मानवजाति कदम बढ़ा रही है उसके भविष्य की विस्मयकारी – प्रेरक दृष्टि प्रदान की।


उनकी उपलब्धियों के विस्तार और उनके नेतृत्व के स्वरूप पर सभी आश्चर्यचकित थे, एक ऐसा नेतृत्व जिसने मुठ्ठी भर साधारण लोगों की सीमित क्षमताओं को, जिनके बारे में वे स्वयं भी नहीं जानते थे कि उनके अन्दर वह क्षमता है, उभारा।

— डेविड हॉफमैन, लेखक और प्रसारणकर्ता


इस विषय की छान-बीन

यह संकलन बहाई धर्म के संरक्षक के रूप में शोगी एफेंदी के जीवन और उनके कार्य की पड़ताल करता है, जिन्होंने बहाई समुदाय के विस्तार और सुगठन के लिये बहाउल्लाह के अनुयायियों के प्रयासों का मार्गदर्शन किया। लेखों और साधन वाला अनुभाग ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और उनकी अपूर्व साहित्यिक बुद्धिकौशल की भी एक झलक प्रस्तुत करता है।

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